शिक्षक उस कुम्हार की भाति होता है जो विद्यार्थी रुपी घड़े को बनाने के लिए बाहरी हाथ से हल्का चोट तो देता है लेकिन घड़े के अंदर यानी हमारे आत्मा को सहारा भी देता है
धन को जेब तक ही रखें उसे हृदय में जगह न दें। जब धन को ह्रदय में जगह दी जाती है तो सुख शांति के स्थान पर लालच, भेदभाव और बुराइयों का जन्म होता है।