Principal/School Head Message
विद्यालय के वातावरण में रह कर ही एक अबोध बालक विभिन्न शैक्षणिक-सहशैक्षणिक गतिविधियों के द्वारा एक पूर्ण मनुष्य बन पाता है।
विद्यालय के वातावरण में रह कर ही एक अबोध बालक विभिन्न शैक्षणिक-सहशैक्षणिक गतिविधियों के द्वारा एक पूर्ण मनुष्य बन पाता है।